प्रदेश के नवनियुक्त मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने शुक्रवार को मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया। अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जो कहा वह शायद आप कई बार सुन चुके होंगे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के निर्देशन में संचालित केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप विकास का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा को मूर्त रूप देने, रिवर्स पलायन को लेकर किए जा रहे प्रयासों को सुनिश्चित करना तथा राज्य में बसावट व रोजगार की दिशा में ठोस नीति तैयार करने, आईटी के क्षेत्र में मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में व्यवस्थाओं को सुढृढ़ करने, ई-आफिस को मूर्त रूप देने, चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने जैसे मुख्यमंत्री के संकल्प को मूर्त रूप देना उनकी प्राथमिकता होगी। यह सभी बातें खुद मुख्यमंत्री बार-बार दोहराते रहे हैं और अगर किसी राज्य में सरकार है तो ऐसे कुछ काम तो करने ही होते हैं। एक नए मुख्य सचिव अगर कोई बात ही करनी थी तो उन्हें सरकारी विभागों में हर स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार पर कुछ कहना चाहिए था। लेकिन, उत्तराखंड में आप कोई भी नियम सम्मत कार्य भी बिना रिश्वत के नहीं कर सकते। अगर आप इसे देने से इनकार करते हैं तो आपकी फाइल नियम कानूनों का इतना बोझ डाल दिया जाएगा कि आपको इसे हटाने के लिए सेवा शुल्क देना ही होगा।